एनडीए की मोदी सरकार आगामी 10 जुलाई को आम बज़ट पेश करने जा रही है। सभी लोग इस बजट से काफी उम्मीदें लगाऐं बैठे हैं, खासकर आम लोग जिन पर मंहगाई का खासा प्रभाव पड़ रहा है। उम्मीदे हो भी क्यों न जब विपक्ष मे मोदी ने पीएम बनने से पहले अहम मुद्दा यही उठाया था, कि जब सत्ता मे एनडीए की सरकार आऐगी तो मंहगाई पर लगाम लगेगी। लेकिन ऐसा कुछ भी नही देखना को मिला बल्कि और अधिक महंगाई बढ गई है। इस बजट से वित्त मंत्री अरुण जेटली से लोगो को उम्मीद है कि वह टैक्स छूट की सीमा को बढा देंगे,जिससे की करदाताओ को काफी राहत मिलेगी।मामले मे एक समाचार चैनल ने सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इस बजट में करदाताओ को शायद ही इस बार राहत मिलने के आसार दिख रहे है। टैक्स मे छूट की सीमा को लेकर 2 लाख से बढ़ाकर पांच लाख करने से सरकार को प्रतिवर्ष 6400 करोड रुपए का घाटा उठाना पडेगा। सरकार को इंकम टैक्स की धारा 80 c के तहत 1 लाख तक की बचत पर टैक्स में छूट की सीमा को 3 लाख रूपए किए जाने से सरकार को 40 हजार करोड़ रूपए की कीमत प्रतिवर्ष चुकानी होगी।
जैसा कि जानकारी मिली है कि इस आम बजट मे जेटली ने फैसला लिया है कि वो होम लोन पर छूट की सीमा को 1.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 3 लाख करने जा रहे है। इस बजट में न तो टैक्स और न ही डयूटी में बढ़ोतरी होगी, लेकिन बार ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि इस बार पुराने टैक्स के कानूनों को शायद ही खत्म किया जा सकता है। लेकिन जेटली ने पुराने बदलावों को खत्म करने के संकेत जरूर दिए हैं।
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