PACL को निवेशकों का 49,100 करोड़ रुपया लौटाने का आदेश बरकरार
मुंबई। भारतीय प्रतिभूति अपीलीय ट्राइब्यूनल (सैट) ने बाजार नियामक सेबी के उस आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया जिसमें प्रॉपर्टी डेवलपर पीएसीएल को निवेशकों का 49,100 करोड़ रुपया लौटाने का आदेश जारी किया गया था।
सेबी ने अवैध सामूहिक निवेश योजना को लेकर पीएसीएल के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसके बाद पिछले साल सेबी के आदेश के खिलाफ पीएसीएल ने ट्रिब्यूनल में अपील किया था। लेकिन ट्रिव्यूनल ने पीएसीएल की अपील खारिज करते हुए उसे सेबी के निर्देशों पर तीन महीने में अमल करने को कहा।
सेबी ने अवैध योजनाओं के जरिये निवेशकों से धन जमा करने के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए पीएसीएल लिमिटेड (पहले पर्ल्स एग्रोटेक कॉर्पोरेशन) को तीन महीने के भीतर 49 हजार 100 करोड़ रुपये निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया था। सेबी ने कंपनी से अवैध सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस) को बंद करने को भी कहा है।
सेबी के आदेश के बाद पीएसीएल ने इसे प्रतिभूति अपीलीय ट्राइब्यूनल (सैट) में चुनौती दी। वहीं, पीएसीएल के बयान में कहा गया कि दुर्भाग्य से सेबी इस बात पर ध्यान नहीं दे सका कि कंपनी ने कहा था कि उसे सीआईएस नहीं माना जाए। कंपनी ने कहा है, ‘पीएसीएल ने सेबी की बेंच के सामने कहा था कि वह सीआईएस नहीं चला रही है। कंपनी ने अपने रीयल एस्टेट कारोबार के लिए जो धन जुटाया है, उसके पास उचित मात्रा में परिसंपत्तियां हैं।’
सेबी ने कहा है कि वह उच्चतम न्यायालय के एक दिशानिर्देश के अनुसार कंपनी तथा निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी तथा व्यापार में अनुचित व्यवहार करने वह सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआइएस) के बारे में सेबी के नियमों के उल्लंघन के आरोप में पीएसीएल के खिलाफ कार्रवाई की है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इस संबंध में 92 पृष्ठ का आदेश जारी किया था। इसके अनुसार कंपनी ने खुद स्वीकार किया है कि उसने 49,100 करोड़ रुपये जुटाये है और अगर पीएसीएल एक अप्रैल 2012 से 25 फरवरी 2013 के बीच जुटाये गये कोष का पूरा ब्योरा दे तो यह राशि और भी अधिक हो सकती है। जिन निवेशकों से यह राशि जुटायी गयी, उनकी संख्या करीब 5.85 करोड़ है। इनमें वे ग्राहक भी शामिल है। जिन्हें जमीन आवंटित करने की बात कही गयी थी और उन्हें अभी तक जमीन नहीं दी गयी। अवैध तरीके से धन जुटाने के मामलों में यह न केवल राशि के लिहाज से बल्कि निवेशकों की संख्या को लेकर भी सबसे बड़ा मामला है।
वही, पीएसीएल तथा निर्मल सिंह भांगू समेत उसके शीर्ष कार्यकारियों के खिलाफ सीबीआई भी जांच कर रही है। साथ ही यह सेबी की जांच के घेरे में पुराने मामलों में से एक है। नियामक ने 16 साल पहले फरवरी 1998 में पीएसीएल को कहा था कि वह न तो कोई योजना शुरू कर सकती है और न ही अपनी मौजूदा योजनाओं के तहत कोष जुटा सकती है। कंपनी ने अपनी दलील में कहा कि वह कोई अवैध योजना नहीं चला रही है और जमीन की खरीद-बिक्री में शामिल है।
सेबी ने अवैध तरीके से धन जुटाने की योजना चलाने को लेकर 1999 में पीएसीएल को नोटिस जारी किया था। बाद में मामला अदालतों में गया। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल फरवरी में आदेश जारी कर सेबी को यह पता लगाने को कहा कि क्या पीएसीएल का कारोबार सामूहिक निवेश योजना के दायरे में आता है या नहीं और कानून के मुताबिक कार्रवाई करने को कहा।
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Bhushan says
SEBI BHI MILI HI PACL ISSUE ME . NAHI TO SUB KA PAISA KAB KAA MIL GAYA HOTA
Bharti Raikwar says
Rupye kab milenge pls pls bataiye Kb milenge rupye
Ram java says
Mere 5 lakh rupay atke he…..Kb shuru hoga pesa vps lotane ka kam …..plz puri information de
away kumar says
Sir
away kumar says
Pacl bima walo mera 40.000 rupaya kab tak milegaa. Mobile number 7985733263 par suchit kare
away kumar says
Sir mera paisa kab tak milegaa sir please contact me mobile number 9170913865 par suchit kare
ramcharan choudhary says
Choro kab lotaogy pysy
Dharmendra Kumar says
sabhi log milkar koi thos kadam uthao jisse sarkar inke khilaf karyvahi kare aur sabhi garibo ka paisa unko mil sake
narendra pal says
Hum garibon ki mehnat ka paisa louta de to pack ka Ishwar bhi sath dega
H. S. Savitha says
Hamara be paise hi. Kab lotayega .garibonka pet me math Maro.