PACL में निवेशकों का हंगामा, हिरासत में प्रभारी, 27 फरवरी को कोर्ट का फैसला
रायपुर। राजधानी समेत पूरे राज्य में फैली चिटफंड कंपनियों द्वारा लोगों को लोकलुभावन ऑफर का झांसा देकर ठगने का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है।
हाल ही में लोक आयोग द्वारा चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई का निर्देश जारी करने के बाद सोमवार को दोपहर में सैकड़ों निवेशक कचहरी चौक स्थित कृष्णा कॉम्प्लेक्स में पीएसीएल के दफ्तर में पहुंचकर जमकर हंगामा मचाया।
निवेशकों ने जमा किए गए रकम के भुगतान की मांग को लेकर कंपनी के अधिकारियों पर दबाव बनाया। हंगामे की सूचना के दो घंटे बाद मौदहापारा थाने की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और कंपनी के कस्टमर सर्विस केयर इंचार्ज पुरषोत्तम बारी को हिरासत में ले लिया। उससे पूछताछ की जा रही है। निवेशकों का आरोप है कि रकम मैच्युरिटी होने के बाद भी कंपनी पैसे वापस नहीं कर रही है।
जानकारी के मुताबिक सोमवार दोपहर डेढ़ बजे कृष्णा काम्पलेक्स स्थित पीएसीएल कंपनी के दफ्तर में सैकड़ों की संख्या में निवेशक अपनी जमा पूंजी लेने के लिए पहुंचे थे। वे कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों से जमा रकम का भुगतान करने को कह रहे थे। इस बीच कंपनी के लोगों ने कोर्ट द्वारा कंपनी के बैंक खाते को सीज कर लेने का हवाला देते हुए कहा कि अब जब तक कोर्ट से प्रकरण का निराकरण नहीं होगा, तब तक पैसा वापस नहीं हो पाएगा। इसमें कम से कम दो-तीन माह का समय लगेगा। यह सुनकर निवेशक भड़क उठे और हंगामा करने लगे। करीब दो घंटे तक हंगामा चलता रहा।
इसकी सूचना मिलने पर मौदहापारा पुलिस पहुंची तब तक अधिकांश निवेशक दफ्तर से जा चुके थे। मामले में कंपनी के कस्टमर सर्विस केयर (सीएससी) इंचार्ज पुरषोत्तम बारी को पूछताछ के लिए पुलिस थाने ले गई। उल्लेखनीय है कि पीएसीएल का जहां दफ्तर है वहां से चंद कदम की दूरी में एसपी और कलेक्टर कार्यालय लगा हुआ है, बावजूद इसके हंगामे की सूचना मिलने के बावजूद पुलिस को कंपनी के दफ्तर में पहुंचने में दो घंटे लग गए। पुलिस के इस रवैए को लेकर निवेशकों में आक्रोश भी देखा गया।
कोर्ट के आदेश पर कंपनी के खाते सीज
पीएसीएल कंपनी में लाखों का निवेश करने वालों में रायपुर के अलावा दूर दराज क्षेत्र के लोग भी शामिल हैं। निवेशकों ने अपनी जीवन भर की जमा पूंजी कंपनी में निवेश किया है। पिछले दस वर्षों से कंपनी पर भरोसा कर निवेशक रकम जमा कर रहे थे। निवेशकों को दस साल में रकम तिगुना करने का लालच देकर कंपनी के एजेंटों ने रकम जमा करावाया था।
कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि कंपनी के सारे बैंक एकाउंट अगस्त महीने से कोर्ट के आदेश पर सीज कर दिया गया है। इस वजह से निवेशकों को पैसा वापस नहीं कर पा रहे हैं। कंपनी के कर्मचारियों ने 27 फरवरी को कोर्ट में सुनवाई के बाद ही निवेशकों को पैसे वापस करने की बात कही हैं।
पैसा कब मिलेगा, गारंटी नहीं
पैसा लेने कंपनी के दफ्तर पहुंचे बिलासपुर जिले के धौराभांठा, थाना हिर्री निवासी टेकराम गोस्वामी(65) ने बताया वर्ष 2003 में पीएसीएल के एजेंट ने दस साल में रकम तिगुना होने का झांसा देकर डेढ़ लाख रुपए जमा कराया था। अब रकम मैच्यूरिटी होने के बाद भी नहीं लौटाया जा रहा है। पैसा कब मिलेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसी तरह से गुढियारी प्रेमनगर निवासी सरोज ठाकुर, लाभांडी के तेजराम, चंगोराभाठा के संतोषी गोस्वामी और पंडरी निवासी सागर क्षत्री ने भी कंपनी पर अपने हजारों रूपए जमा किए है। उन्हें भी रकम मैच्यूरिटी होने के बाद भी नहीं दिया जा रहा है।
पुलिस ने मांगे दस्तावेज
कोतवाली सीएसपी अंशुमन सिंह सिसोदिया ने बताया कि कंपनी के सारे दस्तावेज मंगाए गए हैं। सीएसई इंचार्ज को कोर्ट के आदेश की कापी, सेबी के दस्तावेज के साथ सेट में कंपनी द्वारा दायर की गई याचिका की भी कापी देने को कहा गया है। जांच में कंपनी द्वारा धोखाधड़ी के साक्ष्य मिलने पर संबंधित लोगों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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