चिटफंड कंपनियो की बढती हुई मनमानी को रोकने के लिए अब प्रशासन ने कमर कस ली है। कार्रवाई मे पांच अन्य कंपनियो के खिलाफ प्रशासन द्धारा जांच के लिए पुलिस अधीक्षक को मामले से अवगत करवाते हुऐ पत्र भेजा है। इससे पहले भी चार अन्य कंपनियो के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस अधिक्षक को पत्र लिखा जा चूका है। अब कुल मिला कर नौ चिटफंड कंपनियो के खिलाफ कार्रवाई होगी।
इन चिटफंड कंपनियो लोगो की मेहनत की कमाई को दोगूना करने का लालच देकर अपने जाल मे फांस लेते थे, बाद मे लेकर रातो रात चंपत हो जाते थे। मामले मे ठगी की शिकायत मिलने के बाद संबधित प्रशासन ने जिले की 18 कंपनियों को सूचीबद्ध करते हुए दस्तावेज मांगे है। जिलमे से अभी तक 14 कंपनियों के दस्तावेज जमा हो चूके है। जिसमे से पाया गया है की अधिकतर कंपनियो के पास आरबीआई से किसी भी प्रकार ट्रेड लाइसेंस या व्यापार करने के लिए किसी भी प्रकार इजाजत नही दी गई थी।
अब तक के दस्तावेजों परीक्षण के दौरान 9 ऐसी कंपनियों के नाम सामने आए हैं, जो महज (आरओसी या एमसीए) से पंजीयन कराकर बैंकिंग या इनवेस्टमेंट कराने का काम कर रही हैं। जबकि अन्य कंपनियों ने भेड़-बकरी पालन व्यवसाय के नाम पर पंजीयन करवाया है। जिसका फायदा उठाकर यह कंपनियां लोगो से पैसा लेकर फरार हो रहे है। ये कंपनियां ग्राहकों को दोगुना व तीन गुना वापिस करने का लालच देकर अधिकांश इन्वेस्टमेंट करवाया जाता है, लोग भी ज्यादा रकम की वापसी के चक्कर मे अपनी गाढ़ी कमाई लूटा बैठते है।
इन कंपनियो पर लटकी है तलवार
मामले मे कलेक्टर के निर्देश पर पूर्व में रेडियन लाइफ इस्टकाम इंडिया लिमिटेड और लिजेंस्ट सिक्योर प्रा.लि, व डब्ल्यूसी कंपनी लि. तथा शिव इन्वेस्टमेंट के खिलाफ आरबीआई व सेबी द्धारा दिया गया अनुज्ञा पत्र नहीं है जो की पैसे के लेन देन के मामले मे कंपनी को दिया जाता है।जिसके न होने की वजह यह कंपनी शक के दायरे मे धिर गई है। साथ ही यह कंपनियां बिना आरबीआई व सेबी की अनुज्ञा व बैंकिंग एवं नान बैंकिंग व्यवसाय में लिप्त रहीं। वहीं दस्तावेजों के परीक्षण के दौरान अन्य पांच और ऐसी कंपनियों के नाम सामने आए हैं, जिन्होंने इस तरह के व्यवसाय के लिए आरबीआई व सेबी की अनुज्ञप्ति पत्र प्राप्त किए बिना कारोबार कर रही थी। जिसमें पीएसीएल लिमिटेड, सांई प्रसाद फुड्स एवं प्रापर्टीज कं.लि., सांई प्रसाद प्रोपर्टी डेवलपमेंट कंपनी लि., कोलकाता वेयर इंडस्ट्रीज लि. तथा एसपीएनजे ग्रुप ऑफ कंपनीज के खिलाफ कलेक्टर के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर जांच करने को कहा है।
जमा हुए दस्तावेजों की जांच में अब तक 9 कंपनियों के पास इस तरह के कारोबार करने के लिए आरबीआई व सेबी की अनुज्ञप्ति नहीं पाई गई है। इससे इनके क्रियाकलाप संदेहास्पद हैं। कलेक्टर के निर्देश के बाद पांच और कंपनियों की जांच कर कार्रवाई हेतु पुलिस अधीक्षक को भेजा गया है।
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Anil kumar says
Sir green touch project limited bhi roc our MCA se ragiturd hai fir bhi niwesko Ko paisa nhi louta this hai….ajent khudkhusi karne ko majbur hai.. is company ka kuch new batae….