Rose Valley समूह के देशभर में स्थित 43 दफ्तरों पर छापेमारी, सांसद तापस पॉल के घर पर भी छापेमारी
कोलकाता/अगरतला ! करोड़ों रुपयों के चिटफंड घोटाला मामले की जांच कर रही जांच एजेंसी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को कोलकाता की चिटफंड कंपनी रोज वैली समूह के देशभर में स्थित 43 दफ्तरों पर छापेमारी की। जांच एजेंसी ने साथ ही तृणमूल कांग्रेस के सांसद तापस पॉल के घर पर भी छापेमारी की।
लोकसभा में तापस पॉल कृष्णानगर का प्रतिनिधित्व करते हैं। तापस समूह के पूर्व निदेशक हैं और वह बाजार नियामक सेबी, गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यलय (एसएफआईओ) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी कई केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं।
मामले की जारी जांच के संबंध में पूरे देश में 43 जगहों पर छापेमारी की गई है, जिसमें पश्चिम बंगाल में 27 स्थानों पर, त्रिपुरा में सात, असम, ओडिशा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में एक-एक स्थान पर छापे डाले गए हैं।”
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा, “दफ्तरों के अलावा रोज वैली समूह के प्रमुख गौतम कुंडू, समूह के प्रबंध निदेशक शिबमॉय दत्ता और समूह के तत्कालीन निदेशक अबीर कुंडू, रामलाल गोस्वामी, अशोक कुमार साह और मौजूदा लोकसभा सांसद तापस पॉल के घरों पर भी छापेमारी की गई।” सीबीआई के एक दल ने कई घंटों तक पाल के घर पर छापेमारी की।
समूह के प्रमुख गौतम कुंडू ने कहा था कि तापस पॉल समूह के फिल्म प्रभाग के निदेशक थे। कुंडू से प्रवर्तन निदेशालय ने तीन फरवरी को पूछताछ की थी। सीबीआई के विशेष दलों ने छापेमारी के दौरान त्रिपुरा में कई अहम आधिकारिक दस्तावेज बरामद किए हैं। एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, “सीबीआई ने रोज वैली समूह के 12 कर्मचारियों से पूछताछ की, साथ ही जांच एजेंसी जब्त किए गए दस्तावेजों की छानबीन कर रही है।”
कोलकाता में शिबमॉय दत्ता ने कहा कि कंपनी सीबीआई का पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने हालांकि निवेशकों से कहा कि कंपनी ने कुछ भी गलत नहीं किया है। दत्ता ने कहा, “इस समय जब कंपनियां लोगों के विश्वास को बरकरार नहीं रख पा रही हैं, और बंद हो रही हैं, हमने अपने सभी दफ्तर खोले हुए हैं और उनमें विधिवत काम चल रहा है।”
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने 2013 में बंगाल में पोंजी योजनाओं में 73 कंपनियों को शामिल बताया था जिनमें रोज वैली भी शामिल थी। आरोप है कि कंपनी ने बंगाल, त्रिपुरा, असम, ओडिशा, त्रिपुरा और महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में अपनी शाखाओं के माध्यम से अवैध रूप से 15,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। आवश्यक मंजूरी के बिना सामूहिक निवेश योजना चलाने का दोषी पाए जाने पर बाजार नियामक सेबी ने जून 2014 में कंपनी को आदेश दिया था कि वह निवेशकों का पैसा वापस कर दे साथ ही कंपनी के प्रतिभूति बाजार तक पहुंचने पर रोक लगा दी थी।
सेबी ने कंपनी को चेताया था कि अगर वह निवेशकों का पैसा लौटाने में असमर्थ रहती है तो कुर्की और वसूली की कार्रवाई की जाएगी। प्रवर्तन निदेशालय ने नवंबर 2014 में समूह के 2,631 बैंक खातों की कुर्की की थी जिनमें 295 करोड़ रुपये मिले थे। वहीं 25 फरवरी को अदालत के आदेश के बाद ओडिशा में समूह की संपत्तियों को जब्त कर लिया गया था।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने पिछले साल दिसंबर में राज्य सभा में कहा था कि रोज वैली समूह ने निवेशकों से लगभग 15,000 करोड़ रुपये जुटाए थे। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने पिछले माह राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में कहा था कि शारदा समूह और रोज वैली समूह ने अवैध रूप से 12,470 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
सिन्हा के अनुसार, जांच में सामने आया है कि रोज वैली समूह ने निवेशकों से 10,281 करोड़ रुपये, जबकि शारदा समूह की कंपनियों ने 2,459 करोड़ रुपये जुटाए हैं। शारदा समूह की कंपनियों की जानकारी जुटाते समय रोज वैली समूह प्रकाश में आई था। यह समूह आईपीएल की टीम कोलकाता नाइट राइडर का भी प्रायोजक था।
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