बंगाल के प्रमुख सारधा चिटफंड घोटाले के मामले मे सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गऐ सीबीआइ को जांच के आदेश मिलने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सारधा घोटाले में जितने भी लोगों के पैसे डूबे हैं, निवेशको का जितना नुकसान हुआ है उसकी भरपाई सीबीआइ को करना चाहिए । गत दिनो मुर्शिदाबाद जिले के बहरमपुर में एक सभा को संबोधित करते हुऐ ममता ने कहा कि अगर सारधा में निवेश करने वाले सभी पीड़ितों को उनकी राशि वापस नहीं की गयी, तो वह भाजपा, माकपा व कांग्रेस के पास जाकर उनसे पीड़ितों के लिए मुआवजे के रुप मे राशि की मांग करेंगी। उल्लेखनीए है कि मामले मे राज्य सरकार धोटाले मे सीबीआई से जांच करवाने की कतई भी पक्ष मे नही थी। इसलिए राज्य सरकार ने सीबीआई जांच को रुकवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का सहारा भी लिया था।, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को खारिज करते हुऐ सीबीआई को मामले मे निष्पक्ष जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी। ममता ने मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुऐ कहा है कि अब उनका इस मामले से कोई लेना देना नही और न ही कोई जिम्मेदारी है।
अब जब मामले मे सीबीआई आ ही गई है तो अब वही पीड़ीतो की ड़ुबी रकम वापस करे। अगर ऐसा नहीं होता है तो लोग भाजपा, कांग्रेस व माकपा के पास जाऐं उनसे पैसे मुआवजे की मांग करे, उस समय का इंतजार रहेगा। मामले मे मामता ने कहा कि सीबीआई की दखल-अंदाजी से उन्हे कोई आपत्ती नही है बल्कि खुशी है।
वहीं, मामले की सीबीआइ जांच नहीं कराने के संबंध में उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि अगर आप मुझसे पूछेंगे कि मैं सीबीआइ जांच के खिलाफ क्यों हूं, तो ये बताइये कि मैं सीबीआइ जांच के खिलाफ क्यों ना रहूं. मेरे राज्य में मैं कार्य करूंगी, यहां किसी और को हस्तक्षेप क्यों करने दूंगी. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य सरकार ने सारधा चिटफंड घोटाला मामले की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआइटी) का गठन किया था और इस टीम ने बहुत अच्छे तरीके से जांच की है, जो कि काबिले तारिफ है।
मामले मे राज्य सरकार ने बंगाल के बाहर जांच के लिए कुछ नहीं किया है और ना ही अन्य राज्यों के कार्यो में हस्तक्षेप करना चाहती है। चिटफंड कंपनियों के घोटालों की घटनाओं के संबंध में मुख्यमंत्री ने आरबीआइ व सेबी की गतिविधियों पर भी सवाल खड़े किऐ है। उन्होंने कहा कि दोनों ने ही अपनी आंखें मुंद रखी है, आरबीआइ व सेबी ने सही तरह से अपनी ड्यूटी नहीं की, लेकिन अब मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ के पास जाने के बाद वह ऐसा नहीं कर सकती हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सुरक्षित है, इसलिए उन्हें सीबीआइ जांच से कोई डर नहीं है।
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