आज है जल दिवस
धरती पर धीरे-धीरे जलाशय का स्तर नीचे गिरता जा रहा है। आने-वाले लगभग 30-40 साल के बाद एक समय ऐसा भी आऐगा जब हमारी पीढ़ी के लिए धरती की 150 फीट की गहराई मे भी पानी की एक बुंद तक नही मिलेगी। इसलिए कहा जाता है जल ही जीवन है, और कल जीने के लिए पानी बचाना आवशयक है। हम सबको मिलकर जल बचाना चाहिए।
जलाश्य के गिरते हुऐ स्तर को देखते हूऐ संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व-भर मे जल दिवस मनाने की धोषणा 22 मार्च, 1993 मे की थी। और जब से यह मनाई जाती है। इसे पानी के लिए विश्व दिवस भी कहते है।
और इस दिन पहली बार औपचारिक रूप से Rio de Janeiro ने Brazil में पर्यावरण और विकास पर 1992 में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन ( UNCED ) का एजेंडा प्रस्तावित किया गया था।और इसका अनुपालन 1993 से शुरू हुआ था। तब से अब तक काफी बड़ा हो गया है। जल बचाने के लिए लोगो को पानी का उचित प्रयोग करना चाहिए ।
संयुक्त राष्ट्र और उसके सदस्य देशों के संयुक्त राष्ट्र की सिफारिशों को लागू करने और दुनिया मे जल संसाधनों के बारे में अपने देश के भीतर ठोस गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इस दिन को समर्पित किया गया है। पानी के मुद्दों में शामिल विभिन्न संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों में से एक विश्व जल दिवस के लिए अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों को बढ़ावा देने और समन्वय में ले लेता है।
संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के अलावा, स्वच्छ पानी को बढ़ावा देने के गैर सरकारी संगठनों और टिकाऊ जलीय निवास की एक संख्या हमारे युग की महत्वपूर्ण है। पानी के मुद्दों पर लोगों का ध्यान केंद्रित करने के लिए विश्व जल दिवस का इस्तेमाल किया है। 1997 के बाद से हर तीन वर्ष में उदाहरण के लिए विश्व जल परिषद पानी के लिए विश्व दिवस के सप्ताह के दौरान, इसकी विश्व जल फोरम में भाग लेने के लिए हजारों लोगो को अपनी ओर आकर्षित किया है।जल दिवस मनाने पीछे एक ही मकसद है की लोगो को पानी के मुल्य को समझाना की हमारे जीवन मे पानी की हर बुंद कितनी किमती है।
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