SEBI ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफआइपी) के लिए निवेश सीमा के नए नियमो को लागू किया हैं।
इन सबको जोखिम के आधार पर तीन Categories में बाँटा गया है।
सबसे पहली category में विदेशी सरकारों या ये कहे कि उनसे जुड़े निवेशकों को रखा गया है।
जबकि दूसरी category में वो निवेशक रखे गऐ हैं, जिनकी काफी कड़ी निगरानी की जाती है। और जिन्हें कई तरह के नियमों का पालन करना पड़ता है।
जैसे कि University Investment Fund,Pension Fund।
और तीसरी व आखिरी category मे वो सभी एफआइपी आएंगे, जो पहले की दो Categories में नहीं आते है।
हर एफआइपी को उनके Equity turnover का भुगतान डील होने के अगले ही दिन कर लेना होगा।
इसके अलावा एफआइपी ने सौदा करने वाले Stock Brokers को यह निर्देश दिऐ गऐ है कि वो इस तरह के हर सौदे के बारे में Stock Exchange को पूरी जानकारी देगे।
जिससे कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर और भी ज्यादा बेहतर तरीके से नजर रखी जा सके।
इसके साथ ही बाहर से आ रहा निवेश की निगरानी करना भी आसान हो पायेगा।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप विचार शेयर करना हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
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