Saradha व अन्य कंपनियो द्धारा चिट फंड घोटालो पर Serious Fraud Investigation Office (SFIO) ने अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए अदालत से और अधिक समय की मांग की है। यह कंपनी चिट फंड की आड़ में धोखाधड़ी पैसा पूलिंग योजनाएं चलाकर भोले भाले निवेशकों के साथ ठगी करते थे।
जानकारी के अनुसार Saradha Group काफी समय से चिट फंड के नाम पर निवेशको से धोखाधड़ी पैसा पूलिंग जैसी योजनाओ के माध्यम से ठगी करते थे। जो की देश के पूर्वी राज्यों में 60 से अधिक कंपनियों पर इसकी नज़र थी।सूत्रों का कहना है की जांच एजेंसी कंप्यूटर सर्वरों सहित अन्य मामले के बारे में जानकारी जूटाने मे लगी है और अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया में है। इस मामले पर एक अंतरिम रिपोर्ट दिसंबर 2013 में मंत्रालय को प्रस्तुत की जानी थी। लेकिन जांच पूरी ना होने के कारण जांच एजेंसी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए मार्च तक का समय मांगा है ।
चिट फंड धोटालो के मामले मे मुख्य रूप से Saradha Group की कंपनियों को शामिल किया गया है। निवेशकों को इन कंपनी द्धारा धोखा-धड़ी करने का मामला पिछले साल प्रकाश में आया था।SFIO स्कैनर के तहत अपनी अंतरिम रिपोर्ट में कंपनियों को नियामक अंतराल शोषण उनके कर्मचारियो द्धारा निवेशको से जबरन धन वसूलना और इसके अलावा और भी कई गंभीर वित्तीय कुप्रबंधन में लिप्त पाया गया था।
राज्य सरकार चिट फंड अधिनियम 1982 के तहत इस तरह के ‘ चिट फंड ‘ कंपनियों के नियमों के लिए उपयुक्त अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में Saradha घोटाले पर सार्वजनिक हंगामे के बाद अप्रैल 2013 में जांच का आदेश दिया था। उस समय, एक विशेष कार्य बल देश में तथाकथित चिट फंड कंपनियों के कामकाज पर नज़र रखने के लिय Serious Fraud Investigation Office (SFIO) को स्थापित किया था।
Saradha घोटाले के मद्देनजर विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने धोखाधड़ी पैसे पूलिंग योजनाओं चलाने वाले ठगो पर शिकंजा कसना शुरु कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक मूल रूप से Saradha Group पर अंतिम रिपोर्ट दिसंबर 2013 में मंत्रालय को प्रस्तुत की जानी थी। लेकिन जांच पूरी न हो पाने के कारण SFIO ने मार्च तक का समय मांगा है।
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