विशेषः निवेशको को ठगने वाले और पूंजी बाजार में दिन ब दिन बढ़ रहे फर्जीवाड़े की पहचान और घोटालेबाजों की धरपकड़ के लिए बाजार नियामक सेबी अब नए सॉफ्टवेयरों की मदद से कार्य को अंजाम देगी। इन सॉफ्टवेयरो से नियामक को हो रही फर्जीवाड़े की गतिविधियों पर नजर रखने और जांच में भी खासी मदद मिलेगी। इन नए सॉफ्टवेयर की मदद से सेबी शेयर बाजार में संदिग्ध ट्रेडरों की निगरानी करके संभावित गड़बड़ियों पर निगाह रखने के साथ-साथ दंड़ित भी कर सकेगा। साथ ही सोशल मीडिया और इंटरनेट पर मौजूद उपलब्ध सूचनाओं का भी नियमित तौर पर विश्लेषण किया जा सकेगा।
सेबी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार चालू वित्त वर्ष में जिन क्षेत्रों में बाजार निगरानी क्षमताओं में वृद्धि की जाएगी उन्हें विशेष रुप से चिन्हित किया गया है। जिसमे कि खासकर डेरिवेटिव मार्केट की प्रभावी एकीकृत निगरानी बेहद अहम है। क्योंकि बाजार की स्थितियां काफी तेजी के साथ बदल रही है। इस साल विश्लेषण और सांख्यिकीय उपायों के इस्तेमाल के लिए कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सेबी ने इससे पहले एकीकृत बाजार निगरानी तंत्र (आइएमएसएस) का अपग्रेडेशन किया है तथा इसके माध्यम से बाजारो की निगरानी की जा रही है। साथ ही संदिग्ध गतिविधियों से संबंधित डाटा भी जुटाया जा रहा है। इसके नेटवर्क सिस्टम में स्टॉक एक्सचेंज और अन्य बाजार से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थान भी शामिल है। सेबी अब अपने डाटा वेयरहाउसिंग और बिजनेस इंटेलिजेंस सिस्टम (डीडब्ल्यूबीआइएस) को मजबूत करने पर जोर दे रहा है।
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