आजकल बाज़ार मे कई फर्जी कंपनियां घुम रही हैं। जो लोगो को अपनी फर्जी स्कीमो मे पैसा लगाने को कहकर निवेश के नाम पर रकम का दोगुना मुनाफा देने का लालच देकर उन्हे ठगी का शिकार करते हैं और फरार हो जाते हैं। तो ऐसी कंपनी से जरा सावधान रहें। इस तरह की फर्जी कंपनियां नए नए बहाने व नई नई स्कीमे मार्केट मे लेकर आती है और लोगो को ठगी का शिकार बनाकर रफूचक्कर हो जाते हैं। जैसा कि सभी को मालूम हैं गत साल हुए शारदा चिट फंड घोटाला मामला तो सुना ही होगा, जिसने भोले भाले लोगो से 24,000 करोड रूपय ऐंठ लिए। जिसमे कि मामले मे जब तक लोगो को ठगी करने के बारे मे पता चला तक बहुत देर हो गई, क्योंकि ठगी का एहसास होने के पश्चात कई लोगो ने तो आत्माहत्या कर ली और कई एजेंट तो भाग निकले।
दरअसल है क्या चिटफंड
दरअसल चिटफंड बना तो है केवल दो शब्दो से मिलकर, लेकिन चिटफंड का जाल आम आदमी की सोच से बहुत परें हैं। चिटफंड एक्ट 1982 मे चिटफंड स्कीम मे किसी व्यक्ति किसी शख्स कंपनी के साथ जुडे, और कंपनी की पालिसी के अनुसार जो व्यक्ति कंपनी के साथ जुडा है वह एक निश्चित रकम किसी प्रोडक्ट पर एक तय समय पर किश्तो के रूप मे जमा किया जाता है। तत्पश्चात उस प्रोडक्ट को बैचने के बाद उससे मिलने वाला लाभ कंपनी से जुडे अन्य लोगो मे आपस मे बांट दिया जाता है। एक्ट के मुताबिक चिटफंड स्कीम मे कोई भी कंपनी एमसीए मे रजिस्टर्ड करके यह व्यापार चलाया जा सकता हैं।
लेकिन इसके उलट कुछ ठगी लोग फर्जी कंपनी खोलकर लोगो को बहकाते रहते हैं। और उन्हे रकम का दोगुना देने का लालच देकर झांसे मे लेकर ठगी का शिकार बनाकर रातो रात फरार हो जाते हैं। खास बात यह है कि ऐसी फर्जी कंपनियों का एमसीए मे नाम न रजिस्टर्ड होने के चलते यह ठग लोगो के भोलेपन का फायदा उठाकर उन्हे ठगने के बाद भाग जाते हैं। इनका ढांचा इस तरह का होता है कि चिट फंड को सार्वजनिक जमा योजनाओं की तरह चलाया जाता है और कानून का इस्तेमाल घोटाला करने के लिए किया जाता है।
कैसे बरतें सावधानियां
यदि आप किसी कंपनी मे इंवेस्ट करने जा रहें हैं, तो पहले उस कंपनी के बारे मे अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करलें,यह प्राप्त की गई जानकारी आने वाले खतरे व होने वाली ठगी से बचा सकती है। जिसके लिए सरकार ने चिटफंडियो पर नज़र रखने के लिए संबधित मामले मे कमेटी भी गठित कर रखी हैं, जिसपर नज़र रखी जाती हैं। इतना ही नही सरकार ने चिटफंड की जानकारी के लिए गाइडलाइन भी दे रखी हैं। इतना ही नही सेबी ने निवेशको को यह भी चेताया है कि वह लोगो को किसी स्कीम या शेयर और निवेश करने की सलह नही देता है और न ही किसी रूप मे इसकी सिफारिश करता हैं।
मोटे मुनाफे का देते हैं लालच
चिटफंड कंपनियां लोगो को ठगी का शिकार बनाने के लिए स्वंय को MLM यानि की मल्टी लेवल मार्केटिंग मे तब्दील करने पर तुली हुई हैं। मल्टी लेवल मार्केटिंग मे किसी भी वितरक पर या अन्य किसी पर कोई दबाव नही होता हैं। लेकिन कुछ फर्जी कंपनियां खुद को MLM मे व्यापार करने के नाम पर यह फर्जी लोग मोटा मुनाफा देने का लालच देकर उनसे पैसा जमा करवाती है और अन्य लोगो को भी कंपनी से जुडने को कहते हैं। इसके साथ ही कंपनी का बहुत बडा नेटवर्क का जाल बुना रखा हैं। जो कि बाज़ार मे फैले कंपनी के एजेंट लोगो को झांसे मे लेते हुए साल महीने, या फिर कुछ दिनो मे दोगुना धन देने का लालच देकर उन्हे ठगी का शिकार बनाते रहतें हैं।
कैसे झांसे मे आता है आम आदमी
यह ठग इतने शातिर होते हैं कि लोगो को ज़रा भी भनक नही पडने देते हैं कि इनकी कंपनी कोई फर्जी कंपनी हैं, या फिर कोई पौंजी स्कीम चला रहे हैं। इसके साथ ही ऐसी अधिकांश ठगी कंपनी ग्रामीण इलाको मे व छोटे छोटे कस्बो मे सक्रिय रहते हैं। इतना ही नही इन कंपनी का नेटवर्क दूरदराज के देहाती इलाको मे फैले हजारो एजेंटो के माध्यम से लोगो से धन एकत्र करते हैं। इतना ही नही यह ठग लोगो को झांसे मे लेने के लिए अपनी कंपनी का प्रमोशन बडे बडे राजनेताओ व अभिनेताओ से कंपनी का विज्ञापन करवाते हैं, जिससे लोगो को कंपनी पर भरोसा हो जाता हैं, जिससे लोग कंपनी पर आंख मुंद कर भरोसा करके पैसे निवेश कर देते हैं। जिसका फायदा उठाकर यह ठग लोगो का निवेश किया हुआ पैसा लेकर रातो रात ताला लगाकर फरार हो जाते हैं। कंपनियां निवेश की रकम का 25 से 40 फीसदी तक एजेंट को कमीशन के तौर पर देती हैं।
ले डुबती हैं अमीर बनने की चाह
व्यक्ति अगर थोडा होशियार होने के साथ साथ थोडा सतर्क हो जाए तो उसे कोई बेवकुफ नही बना सकता हैं। आदमी को अगर कोई ठगी का शिकार बनता हैं तो इसमे सबसे बडा जिम्मेवार स्वंय ही होता है। क्योंकि जल्दी अमीर बनने की चाह किसी से भी कुछ भी काम करवा सकती है और किसी को भी ले डुबती हैं। ऐसा ही हाल होता है चिटफंड मे निवेश करने वाले लोगो का। जो कि कम समय मे अमीर बनने की चाह मे मध्यम वर्गीय और नीचले तबके के लोग झांसे मे आकर चिटफंडियों के हवाले अपनी गाढ़ी कमाई थमा देते हैं। हजारों करोड़ रुपये उगाहने के बाद जब पैसों की वापसी का समय आता हैए तो यह कंपनियां रफूचक्कर हो जाती हैं और लोग हाथ मलते रह जाते हैं।
अगर आपके पास भी मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) से जुडी कुछ जानकारी है या फिर आप हमसे कुछ पुछना चाहतें हैं तो कमेंट बाक्स मे जाकर कमेंट कर सकतें हैं।
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