ब्रिटेन के कोलचेस्टर में स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ एसेक्स के भाषाविद् मैसिमो पोएसियो और इटली के ट्रेंटो में स्थितसेंटर फॉर माइंड-ब्रेन साइंस के थोमासो फार्नसिएरी ने एक ऐसी प्रणाली विकसित किया है। जिससे अब झूठ बोलना महंगा पड़ सकता है। इस प्रणाली को स्टाइलोमेट्री तकनीक की मदद से विकसित किया गया है।जो झूठ को आसानी से पकड़ सकता है।
न्यू साइंटिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार इस बात का पता लगाया जाता है कि किसी खास चीज या टुकड़े को किसने लिखा है इतना ही नहीं यह स्टाइलोमेट्री सॉफ्टवेयर पता लगाएगा कि इसमें लिखी गई चीजें सच हैं या झूठ।
यह सॉफ्टवेयर झूठ को बहुत ही आसानी से पकड़ लेता है इसे सुनिश्चित करने के लिए कई प्रकार के टेस्स तथा इसमें इटली की अदालत में दिए गए उन गवाहों के बयानों को फीड किया।जिसके यह पता चला कि उन्होंने झूठी गवाही दी। शोधकर्ताओं ने कहा कि बचाव पक्ष या गवाह झूठ बोल रहे हैं इस सॉफ्टवेयर से साफतौर पर पता चल रहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक यह सॉफ्टवेयर पुस्तकों की नकली ऑनलाइन समीक्षा को भी पहचान कर लेगा।
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