MLM के बाज़ार मे ठगी की राह पर निकली एक और चिटफंड कंपनी। जिसने अबकी बार ग्रामीणों को अपना निशाना बनाया है, समृद्ध जीवन मल्टीपरपस को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने लोगो को कंपनी मे निवेश की गई राशि को तीन साल मे तीन गुना वापस देने का दावा किया, इसी लालच मे आकर ग्रामीणों ने अपने पैसे कंपनी मे लगाने के कुछ दिन पश्चात निवेशको को पता चला कि उनके पैसे कंपनी मे फंस गऐ है और वो नही मिलने की खबर सुनकर ग्रामीण हक्के बक्के रह गए। कंपनी के खिलाफ मामले जांच चल रही है।
जब रांची रेंज के डीआईजी प्रवीण कुमार को मामले से अवगत करवाया गया तो उनकी जांच मे मिली गुप्त सुचना के आधार पर रांची, गुमला व लोहरदगा जिले के केंद्रों पर शुक्रवार को छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये की जालसाजी का खुलासा हुआ है। बाद मे जब कंपनी के गुमला केंद्र जांच टीम पहुंची तो पता चला कि जैसे की ठगो को इस बात की जानकारी पहले से ही मिल गई हो कि अबकी बार उनकी बारी है इसलिए वह वहां से दस्तावेजो को पहले ही समेट कर भाग चुके थे। वहीं रांची व लोहरदगा के केंद्र से भी भारी संख्या में दस्तावेज मिले हैं। छानबीन कर पता लगाया जा रहा है कि जालसाजी का यह मामला कितना बड़ा है। जांच टीम के साथ रांची आई कंपनी की एक महिला अधिकारी सीमा वर्मा भी है।
बडा सपना दिखाकर हुऐ फरार
साथ रेंज के डीआइजी प्रवीण कुमार ने बताया कि समृद्ध जीवन मल्टीपरपस कोऑपरेटिव सोसाइटी ग्रामीणों को बताती थी कि वह बकरी व गाय पालन का कारोबार करती है। यह कंपनी पुणे की है और इसके बड़े-बड़े फार्म है और उन्हे गाय व बकरी के पालन में उन्हें बहुत फायदा होता है। उन्हें विकसित कराने के बाद उनके बच्चे होते हैं और तीन साल में तीन गुणा तक फायदा मिलता है। कंपनी ने ग्रामीणों को बताया कि उनके पास जितने भी पैसे हैं, वे उनकी कंपनी में निवेश कर दें। बकरी व गाय पालन से मिलने वाला तीन गुना लाभ उन तक सीधा पहुंचेगा। ग्रामीण उनके झांसे में आ गए और जिनके पास जितनी राशि थी, सभी निवेश कर दी । लेकिन किसी को कोई फायदा नहीं हुआ। बल्कि अपनी कमाई भी लूटा बैठे, पुलिस को जब सूचना मिली तो कंपनी के बारे में तहकीकात शुरू की तो अन्हे कोई फॅार्म नहीं मिली। कहीं पशुपालन की जानकारी भी नहीं मिली।
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