छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर मे काफी समय मे चिटफंड कंपनियो ने लोगो को लूटकर उनको कंगाल कर दिया है । ऐसा कोई दिन भी नही गया होगा जब किसी ने इन चिटफंडियो के खिलाफ रिपोर्ट तलब न करवाई हो। जिसको देखते हुऐ अब जिले की पुलिस के साथ साथ जिला प्रशासन भी सर्तक हो गया है। इसकी जांच के लिए अब पांच सदस्यो की विशेष कमेटी गठित की गई है। कमेटी का अध्यक्ष वरिष्ठ कोषालय अधिकारी नीरज कुमार मिश्रा व एक सचिव और तीन सदस्य की कमेटी है। कमेटी में चार कोषालय विभाग से लिए गए हैं।
मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ठाकुर राम सिंह ने जिला प्रशासन के अधिकारियों की एक कमेटी बनाने के निर्देश दिए थे। इस काम की जिम्मेदारी एडीएम संजय अग्रवाल को सौंपी गई थी । अग्रवाल ने बुधवार को कमेटी के अध्यक्ष सहित चार सदस्यों का नाम प्रतिवेदन कर कलेक्टर के समक्ष पेश किया। कलेक्टर ने बिना देरी किए प्रतिवेदन पर अपनी मोहर लगा दी। कमेटी के अध्यक्ष वरिष्ठ कोषालय अधिकारी मिश्रा के अलावा संभागीय संयुक्त संचालक कोषा लेखा एवं पेंशन शाखा के सहायक संचालक दिवाकर सिंह राठौर को सचिव और उप जिलाध्यक्ष कलेक्टोरेट शिव बनर्जी, संभागीय संयुक्त संचालक कोषा लेखा एवं पेंशन शाखा के लेखा परीक्षण अधिकारी मनोज सिंह और कार्यालय के वरिष्ठ कोषालय अधिकारी शाखा के सहायक कोषालय अधिकारी अशोक कुमार राठौर को कमेटी का सदस्य बनाया गया है।
कमेटी एक सप्ताह मे जांच कर पेश करेगी रिपोर्ट
कमेटी इन चिटफंड कंपनियो के खिलाफ तुरंत कार्यवाही करेगी इतना ही नही इनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने के लिए इधर उधर भटकने की जरुरत भी नही पडेगी आप सीधे ही कमेटी को इन चिटफंडियो की शिकायत कर सकते है। जिसकी जांच के बाद एक सप्ताह के भीतर ही प्रतिवेदन बनाकर कलेक्टर के समक्ष पेश कर दी जाएगी।
दर्जनो भर कंपनियो पर है चिटफंड के मामले दर्ज
मामले मे अभी तक जितने भी लोग इन चिटफंड कंपनियो के झांसे मे आकर अपने लाखो करोडो रुपए ग्वां बैठे थे अब उन्होने इन कंपनियो के खिलाफ पुलिस को भी तलब करवां दिया है। जिसमे कि एचबीएन, ग्रीन रे इन्वेस्टमेंट कंपनी, स्पीक एशिया, एरो लाइट, राम सर्वे, रॉयल केयर विजन, वेस्ट इंडिया, माई डाटा लिंकं एशिया, बीएनपी इंडिया, स्माइल एंड स्माइल रिटेल इंडिया, रुचि रियल स्टेट एंड एलायड लिमिटेड और रीजम एंड क्लब रिसोर्ट प्राइवेट लिमिटेड सहित अन्य चिटफंड कंपनियों के खिलाफ मामले दर्ज करवाऐ गए है।
दो तरह की जांच होगी
झांसेबाजी करने वाली चिटफंड कंपनियां दो तरह की हैं। कुछ तो आरबीआई से पंजीकृत हैं और कुछ अपंजीकृत। दोनों श्रेणी में आने वाली कंपनियों की जांच अलग-अलग तरह से होगी। कार्रवाई की प्रक्रिया भी अलग होगी। पंजीकृत कंपनियों का पंजीयन रद्द कराया जाएगा।
ट्रेजरी ऑफिसर बुधवार को कलेक्टर के समक्ष नोटशीट पेश करेंगे। कलेक्टर उस पर कमेटी बनाने का आधिकारिक निर्देश जारी कर सकते हैं।
संजय अग्रवाल, एडीएम
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