चिटफंड कंपनियों द्वारा हो रहे फर्जावाड़े के साथ ही अब पैसे जमा करने वाले उपभोक्ताओं को भी जांच के दायरे में ले लिया गया है।
मामले में जांच कर रहे आयकर विभाग ने कंपनियों में करोड़ों रुपए जमा होने के बाद कंपनियों से जमाकर्ताओं की सूची मांगी है।
सूची में चिटफंड कंपनियों में 1 लाख या उससे अधिक राशि को जमा करने वाले लोगों के नाम मांगे गऐ है।
आपकी जानकारी के लिऐ बता दे कि शहर की पांच चिटफंड कंपनियों की प्रशासन ने जांच की थी। जिसके बाद प्रशासन ने मंगाए गऐ रिकार्ड को आयकर विभाग को जांच के लिऐ सौंप दिऐ थे।
आयकर विभाग ने अब कंपनियों के साथ में जमाकर्ताओं को भी जांच के घेरे में ले लिया है। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि कंपनियों से इन्वेस्ट करने वाले की जानकारी मिलते ही आयकर विभाग के द्वारा जमाकर्ताओं की सूची को तलब किया जाएगा।
विभाग की तरफ से जांच में आय कम होने या ब्लैक मनी को इन्वेस्ट के तौर पर जमा करने वालों पर कारवाई की जाऐगी।
आयकर विभाग जबलपुर कार्यालय के 5 हजार से अधिक ट्राजेक्शन देने वाले लोगों की जाँच करेगा। बताया जाता है कि पांच कंपनियों में से कई लोगों ने लाखों रूपऐ जमा किऐ है। इन लोगों को बैंक और लेन देन के अलावा कमाई का जरिया जैसी अन्य मुख्य जानकारी का अब आयकर के अधिकारी तलब करेगे। ऐसा होने पर जमाकर्ताओं की मुश्किले बढ़ सकती है।
इसके अलावा आयकर विभाग द्वारा कंपनियों की जांच एक महीने में पूरी कर ली जाएगी। आयकर विभाग के अतिरिक्त कमिश्नर अभिषेक शुक्ला ने बताया कि एक महाने में जांच को पूरा कर रिर्पोर्ट जिला प्रशासन को दे दी जाएगी।
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